सीजीएसटी: केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर की पूरी जानकारी
भारत में जीएसटी लागू होने के बाद कर प्रणाली में बड़ा बदलाव आया। इसके तहत सभी प्रकार के स्वामित्व करों को संशोधित किया गया, जिससे व्यापार और करदाताओं को बड़ी सुविधा मिली। संस्था के तीन प्रमुख घटक हैं:
सीजीएसटी (CGST), एसजीएसटी (SGST) और आईजीएसटी (IGST)। इस ब्लॉग में हम सीजीएसटी से जुड़े सभी महत्वपूर्ण रिकॉर्ड के बारे में विस्तार से समझेंगे।
सीजीएसटी (CGST) क्या है?
CGST का पूरा नाम सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स है। यह एक कर है जो केंद्र सरकार द्वारा राज्य के भीतर वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। जब कोई वस्तु या सेवा एक ही राज्य में खरीदी और बेची जाती है तो उस पर CGST और SGST दोनों लागू होते हैं।
उदाहरण: यदि कोई व्यवसायी महाराष्ट्र में कोई उत्पाद खरीदता है और उसे उसी राज्य में बेचता है, तो उसे सीजीएसटी और एसजीएसटी दोनों का भुगतान करना होगा।
सीजीएसटी (CGST) कब लागू होता है?
सीजीएसटी तब लागू होता है जब:
वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति राज्य के भीतर होती है।
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कर केन्द्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है।
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सीजीएसटी का इनपुट टैक्स क्रेडिट केवल सीजीएसटी या आईजीएसटी के विरुद्ध समायोजित किया जा सकता है, एसजीएसटी के विरुद्ध नहीं।
CGST, SGST और IGST में क्या अंतर है?
पैरामीटर |
सीजीएसटी (CGST) |
एसजीएसटी (SGST) |
आईजीएसटी (IGST) |
पूरा नाम |
केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर |
राज्य वस्तु एवं सेवा कर |
अंतर्राज्यीय वस्तु एवं सेवा कर |
किसके द्वारा लगाया जाता है |
राज्य के भीतर की आपूर्ति |
राज्य के भीतर की आपूर्ति |
राज्यों के बीच या केंद्र शासित प्रदेशों के बीच आपूर्ति |
कर दर |
0% से 28% तक |
0% से 28% तक |
0% से 28% तक |
क्रेडिट का उपयोग |
CGST का क्रेडिट केवल CGST और IGST के खिलाफ |
SGST का क्रेडिट केवल SGST और IGST के खिलाफ |
IGST का क्रेडिट IGST, CGST, और SGST के खिलाफ |
CGST और SGST कैसे लागू होते हैं?
जब राज्य के भीतर वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति होती है, तो आपूर्तिकर्ता को दोनों करों का भुगतान करना होता है:
GST के विभिन्न प्रकार
जब राज्य के भीतर वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति होती है, तो आपूर्तिकर्ता को दोनों करों का भुगतान करना होता है:
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सीजीएसटी (CGST): केंद्र सरकार द्वारा लागू किया जाता है और राज्य के भीतर की जाने वाली आपूर्ति पर लागू होता है।
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एसजीएसटी (SGST): राज्य सरकार द्वारा लागू किया जाता है और राज्य के भीतर की जाने वाली आपूर्ति पर लागू होता है।
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आईजीएसटी (IGST): विभिन्न राज्यों के बीच आपूर्ति पर लागू होता है और केंद्र सरकार द्वारा एकत्र किया जाता है।
सीजीएसटी अधिनियम 2017 का उद्देश्य
सीजीएसटी अधिनियम, 2017 केंद्र सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य केंद्रीय अप्रत्यक्ष करों जैसे सेवा कर, केंद्रीय बिक्री कर, और उत्पाद शुल्क को एकीकृत करना था, ताकि कर प्रणाली सरल हो सके। इस अधिनियम के अंतर्गत:
व्यापार में एकीकृत कर प्रणाली लागू की गई।
वस्तुओं और सेवाओं पर राज्य और केंद्र सरकार द्वारा अलग-अलग कर लगाने के बजाय एक ही प्रणाली के तहत कर लगाया जाता है।
इससे कराधान की कैस्केडिंग (दोहराव) को समाप्त किया गया है, जिससे व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों को लाभ हुआ।
सीजीएसटी की महत्वपूर्ण विशेषताएँ
सीजीएसटी अधिनियम में कई महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं:
दोहरी कर प्रणाली: केंद्र और राज्य दोनों को कर प्राप्त होता है।
इनपुट टैक्स क्रेडिट: व्यापारियों को इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ मिलता है, जिससे उनकी कर देनदारी कम हो जाती है।
अंतरराज्यीय आपूर्ति: राज्य के भीतर की सपलाई पर सीजीएसटी और एसजीएसटी दोनों लागू होते हैं, जबकि अंतरराज्यीय सपलाई पर आईजीएसटी लागू होता है।
प्रावधानों का सख्ती से पालन: टैक्स चोरी रोकने के लिए सरकार द्वारा व्यापारियों के लिए सख्त अनुपालन प्रावधान लागू किए गए हैं।
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ट्रांजिशनल प्रावधान: मौजूदा करदाताओं के लिए ट्रांजिशनल प्रावधानों को शामिल किया गया, ताकि नई कर प्रणाली में उन्हें आसानी हो।
जीएसटी स्लैब दरें
भारत में जीएसटी की दरें विभिन्न सेवाओं और वस्तुओं पर लागू होती हैं। ये दरें इस प्रकार हैं
जीएसटी दरें |
सेवा/वस्तु |
0% |
कुछ आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं पर। |
5% |
कुछ खाद्य पदार्थों और अन्य जरूरतमंद वस्तुओं पर। |
12% |
सामान्य वस्तुओं और सेवाओं पर। |
18% |
अधिकतम सेवाओं और वस्तुओं पर। |
28% |
विलासि वस्तुओं और सेवाओं पर। |
18% जीएसटी का क्या मतलब है?
जब किसी वस्तु या सेवा पर 18% जीएसटी लगता है, तो इसका मतलब होता है कि 18% का कर उसकी बिक्री मूल्य पर लगाया जा रहा है। इसमें 9% सीजीएसटी और 9% एसजीएसटी शामिल होते हैं।
निष्कर्ष
सीजीएसटी भारतीय कर प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो केंद्र सरकार द्वारा राज्य के भीतर की जाने वाली आपूर्ति पर लगाया जाता है। यह कर प्रणाली ने भारत में व्यापार और कराधान को सरल और पारदर्शी बनाया है। व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए सीजीएसटी और जीएसटी ने कराधान की प्रक्रिया को आसान बना दिया है, जिससे सभी को समान लाभ मिल सके।
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